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कंप्यूटर की बेसिक जानकारी | computer ke bare mein jankari

कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (computer ke bare mein jankari) के बारे में आज के इस लेख (article) के माध्यम से जानने वाले हैं और कंप्यूटर से संबंधित कई प्रकार के सवाल इस लेख में पढ़ने वाले हैं।

आज के इस पोस्ट में हम कंप्यूटर के बारे में पूरी जानकारी बारीकी से जानेंगे और काफी सारे परीक्षाओं में कंप्यूटर से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं और बहुत लोग जानकारी के लिए भी इच्छुक रहते हैं।

तो यदि आप भी कंप्यूटर के बारे में जानना चाहते हैं या उसके बारे में इच्छुक हैं तो यह लेख (article) आपके लिए है कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (Computer Ki Basic Jankari) आपको इस लेख में मिलेगी और आप अच्छे से समझ पाएंगे।

आजकल के इस दौर में देखा जाए तो हर किसी को कंप्यूटर की जानकारी होनी जरूरी है ऐसे में बहुत सारे लोग के पास समय नहीं रहता है कि वह कंप्यूटर सेंटर में जाकर कंप्यूटर सीख सके।

तो उसके लिए एक बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म यूट्यूब और गूगल ब्लॉगिंग है जिससे आप आसानी से वीडियो देखकर या आर्टिकल पढ़कर कंप्यूटर के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है।

कंप्यूटर के बारे में बात किया जाए तो कंप्यूटर दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय है यह आप भी जानते होंगे कि आज से कुछ साल पहले इंडिया में कंप्यूटर उतना पॉपुलर नहीं था।

लेकिन आज के दौर को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कंप्यूटर घर-घर में यूज़ किया जाने वाला एक डिवाइस बन गया है अर्थात आजकल हर घर में आपको एक कंप्यूटर जरूर मिल जाएगा।

कुछ लोग तो ऐसे हैं जो कंप्यूटर को सिर्फ टाइमपास करने के लिए इस्तेमाल करते हैं तो आपको बता दें कि कंप्यूटर आप चाहे किसी भी काम के लिए यूज करें इससे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन आपको कंप्यूटर की बेसिक जानकारी होनी बहुत जरूरी है।

क्योंकि यदि आपको कंप्यूटर की बेसिक जानकारी नहीं रहती है तो आपको भविष्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको कंप्यूटर का बेसिक जानकारी होना अनिवार्य है।

कंप्यूटर की बेसिक जानकारी | computer ke bare mein jankari
कंप्यूटर की बेसिक जानकारी | computer ke bare mein jankari

यदि आपके मन में अभी यह सवाल आ रहा है कि कंप्यूटर आखिर में क्या है तो आपको बता दें कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो कि इलेक्ट्रिसिटी से चलता है।

बहुत सारे लोग यह सोचते हैं कि डेस्कटॉप और लैपटॉप ही कंप्यूटर है लेकिन ऐसा नहीं है आपको बता दें कि वह सब कुछ कंप्यूटर है जो इलेक्ट्रिसिटी से चलता है जैसे कि मोबाइल भी एक प्रकार का कंप्यूटर है।

वह सभी डिवाइस कंप्यूटर है जो कि इलेक्ट्रिसिटी से चलता है या जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों का प्रयोग किया हुआ हो जैसे कि मोबाइल, स्मार्ट वॉच, टेबलेट, लैपटॉप इत्यादि सभी एक कंप्यूटर है।

कंप्यूटर के बारे में कहा जाए तो कंप्यूटर एक ऐसा डिवाइस है जिसके द्वारा किसी भी तरह के डाटा कैलकुलेशन से संबंधित कार्य को बहुत ही आसानी से और कम समय में सही तरीके से किया जाता है।

आपको बता दें कि कंप्यूटर शब्द का निर्माण कंप्यूट शब्द से हुआ है जिसका अर्थ होता है गणना करना लेकिन आजकल कंप्यूटर से ही सभी कार्य को किया जाता है।

चाहे वह काम घरेलू काम हो या व्यापार से संबंधित काम हो या किसी भी प्रकार के सरकारी काम हो हर तरह के कामों के लिए कंप्यूटर का ही इस्तेमाल किया जाता है।

इतना ही नहीं कंप्यूटर से इसके अलावा भी दुनिया भर के कई सारे कार्य किए जाते हैं जैसे कि वीएफएक्स, वीडियो मिक्सिंग, प्रोग्रामिंग या और भी कई तरह के कार्य कंप्यूटर से किए जाते हैं।

आजकल के समय को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि प्रत्येक इंसान को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (Computer Ki Basic Jankari) computer ke bare mein jankari होनी आवश्यक है क्योंकि आजकल किसी भी जॉब में या किसी भी कार्य क्षेत्र में कंप्यूटर की जानकारी जरूरी है।

क्योंकि आजकल किसी भी कार्य को कंप्यूटर के बिना नहीं किया जा सकता है अर्थात आजकल सब कुछ ऑनलाइन कर दिया गया है अर्थात डिजिटल कर दिया गया है जिससे कंप्यूटर की जानकारी होना आवश्यक है।

कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (Computer Ki Basic Jankari) 

कंप्यूटर को हिंदी में संगणक कहा जाता है। कंप्यूटर “Computer” शब्द का अविष्कार ग्रीक भाषा के “Compute” तथा लैटिन भाषा के “Computare” से बना है।

कंप्यूटर का आविष्कार सबसे पहले चार्ल्स बैबेज ने किया था, जो एक ब्रिटिश मैथमेटिशियंस थे। 

आपको बता दें कि चार्ल्स बैबेज ने 1832 में एनालॉग कंप्यूटर बनाया था तथा इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर “HYWARD AKIN” ने एक मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया था। 

उसके बाद डिजिटल कंप्यूटर को बनाया गया जोकि मैकेनिकल कंप्यूटर से 200 गुना ज्यादा तेज था उसके बाद धीरे-धीरे आज का कंप्यूटर आ गया जो हम लोग अभी इस्तेमाल करते हैं।

यदि प्रश्न पूछा जाए तो आधुनिक कंप्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया था लेकिन मैकेनिकल कंप्यूटर के बारे में बात किया जाए तो मैकेनिकल कंप्यूटर का आविष्कार “HYWARD AKIN” ने किया था।

चलिए अब हम कंप्यूटर का फुल फॉर्म या कंप्यूटर का पूरा नाम के बारे में जानते हैं जो कि नीचे किया गया है।

Computer का Full Form क्या है?

C :- Commonly (सामान्य)

O :- Operated (संचालित)

M :- Machine (यंत्र)

P :- Particularly (विशेष रूप)

U :- Used for (प्रयुक्‍त)

T :- Technical and (तकनीकी)

E :- Educational (शैक्षिणिक)

R :- Research (अनुसंधान)

जैसा कि कंप्यूटर के बारे में बताया गया है कि कंप्यूटर एक प्रकार का मशीन होता है तो चलिए जानते हैं कि मशीन का बनावट क्या है तथा यह एक कंप्यूटर के रूप में कैसे परिवर्तित होता है।

इसकी बनावट के बारे में बात किया जाए तो एक ऑपरेटिंग कंप्यूटर को बनाने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनो का जरूरत होता है।

कंप्यूटर को हार्डवेयर से बनाया जाता है एवं कंप्यूटर को चलाने के लिए या प्रोसेस करने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है।

चलिए अब हम कंप्यूटर के प्रकार के बारे में जानते हैं कि कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं तथा अभी के समय में किस कंप्यूटर को उपयोग में लाया जा रहा है।

 Computer के प्रकार (Type of Computers) :

कंप्यूटर के प्रकार के बारे में बात किया जाए तो कंप्यूटर के तीन प्रकार होते हैं अर्थात कंप्यूटर को काम के अनुसार तीन हिस्से में बांटा गया है जोकि निम्नलिखित है।

  1. Digital Computer 
  2. Analog Computer 
  3. Hybrid Computer

अब यदि digital computer के बारे में बात किया जाए तो डिजिटल कंप्यूटर को 5 भागों में बांटा गया है अर्थात डिजिटल कंप्यूटर 5 टाइप्स के होते हैं जोकि निम्नलिखित हैं।

  1. Grid Computer
  2. Super Computer
  3. Mainframe Computer
  4. Mini Computer
  5. Micro Computer

अब बात करते हैं कि हम लोग इस कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं वह इनमें से कौन सा कंप्यूटर है या हम लोग जिस कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं वह किस कंप्यूटर का लेटेस्ट वर्जन है।

बात किया जाए तो हम लोग जिस कंप्यूटर का यूज करते हैं वह माइक्रोकंप्यूटर होता है अर्थात डिजिटल कंप्यूटर के 5 भाग मैसेज एक भाग माइक्रो कंप्यूटर का प्रयोग हम लोग करते हैं।

अब माइक्रो कंप्यूटर के बारे में बात किया जाए तो माइक्रोकंप्यूटर भी 6 प्रकार के होते हैं अर्थात माइक्रो कंप्यूटर को भी 6 भागों में बांटा गया है जो कि निम्नलिखित है।

  1. Desktop Computer
  2. Laptop Computer
  3. Palmtop Computer
  4. Notebook Computer
  5. Pocket Computer
  6. Home Computer

चलिए अब हम कंप्यूटर के भाग के बारे में बात करते हैं तो कंप्यूटर के भाग के बारे में बात किया जाए तो कंप्यूटर के 2 भाग होते हैं।

कंप्यूटर के भाग

  1. सॉफ्टवेयर (Software)
  2. हार्ड वेयर (Hardware)

Software क्या है?

सॉफ्टवेयर एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसे कंप्यूटर पर रन कराया जाता है जिसके बाद ही कंप्यूटर को चलाने योग्य बनाया जाता है।

कंप्यूटर को चलाने के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी होता है वह सॉफ्टवेयर होता है क्योंकि सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर कुछ भी नहीं है अर्थात सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर को नहीं चलाया जा सकता है।

सॉफ्टवेयर का विकल्प नाम प्रोग्राम है कंप्यूटर पर अगर सॉफ्टवेयर को रन्ना किया जाए तो वह कंप्यूटर किसी काम का नहीं होता है क्योंकि उसमें किसी प्रकार का कार्य आप नहीं कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर के प्रकार के बारे में बात किया जाए तो यह दो प्रकार के होते हैं जोकि निम्नलिखित है।

  • System Software
  • Application Software

System Software

सिस्टम सॉफ्टवेयर वैसे सॉफ्टवेयर को कहा जाता है जो सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में यूजर को ऐसा इन्वायरमेंट दे जिससे यूजर को कंप्यूटर चलाने में आसानी हो।

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को मैनेज करता है और उसमें काम करवाता है तथा सिस्टम सॉफ्टवेयर कहीं प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर का समूह होता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर के बारे में बात किया जाए तो सिस्टम सॉफ्टवेयर चार प्रकार के होते हैं जो कि निम्नलिखित है।

  • Operating System Software
  • Utility Software
  • Translator software
  • Graphical user interface Software

System software तो आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा चलिए अब हम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बारे में बात करते हैं।

Application Software

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में वैसे सॉफ्टवेयर आते हैं जो यूजर की प्रॉब्लम को हल करने के लिए बनाए जाते हैं तथा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एंड यूजर होते हैं।

यह ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं कि जो जो इन्हें जरूरत पड़ने पर कंप्यूटर पर इंस्टॉल और अनइनस्टॉल अथवा रिमूव कर सकते हैं।

यह सब सॉफ्टवेयर सिस्टम सॉफ्टवेयर की मदद से कंप्यूटर पर काम करते हैं अर्थात यदि कंप्यूटर में सिस्टम सॉफ्टवेयर को नहीं चाहा या जाए तो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उसने रन नहीं किया जा सकता है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बारे में बात किया जाए तो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं।

  • Package software
  • Customized software

यह भी पढ़ें :-कंप्यूटर के बारे में जनरल नॉलेज

Hardware क्या है | Hardware की basic जानकारी

कंप्यूटर हार्डवेयर के बारे में बात किया जाए तो कंप्यूटर हार्डवेयर कंप्यूटर के वह पार्ट्स होते हैं जो हम देख सकते हैं या स्पर्श कर सकते हैं।

इन पार्ट्स को मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स भी कहा जाता है यह कंप्यूटर में अलग-अलग तरह के हार्डवेयर पार्ट्स से मिलकर बनते हैं।

एक कंप्यूटर को बनाने के लिए बहुत सारे हार्डवेयर पार्ट्स की जरूरत पड़ती है वह सभी पार्ट्स निम्नलिखित हैं।

  • CPU (CENTRAL PROCESSING UNIT)
  • HDD (Hard Disk Drive)
  • RAM (RANDOM-ACCESS MEMORY)
  • ROM (Read Only Memory)
  • DVD (DIGITAL VERSATILE DISC)
  • Motherboard
  • Monitor/LCD – (LIQUID CRYSTAL DISPLAY)
  • Keyboard
  • Mouse
CPU (CENTRAL PROCESSING UNIT)

सीपीयू का पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होता है इसे शार्ट में सीपीयू कहा जाता है यह कंप्यूटर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

क्योंकि सीपीयू के बिना कंप्यूटर को नहीं चलाया जा सकता है और इसीलिए सीपीयू को कंप्यूटर का दिमाग कहा गया है।

HDD (Hard Disk Drive)

HDD का पूरा नाम हार्ड डिस्क ड्राइव होता है इसका कम डाटा को स्टोर करना होता है अर्थात आपके कंप्यूटर में जितने भी वीडियो ऑडियो डॉक्यूमेंट या जितने भी डाटा हैं वह सभी हार्ड डिस्क में ही स्टोर रहता है।

अर्थात हार्ड डिस्क के कारण ही यह सब मुमकिन हो पाता है और आपको यह बता दें कि आपके कंप्यूटर में जो विंडोज इंस्टॉल किया हुआ रहता है वह भी इसी हार्ड डिस्क में इंस्टॉल रहता है।

लेकिन आजकल एसएसडी आ गया है जोकि हार्ड डिस्क के जगह पर लगाया जाता है एसएसडी हार्ड डिस्क का लेटेस्ट वर्जन है जो हार्ड डिस्क से बहुत ज्यादा स्पीड काम करता है।

RAM (RANDOM-ACCESS MEMORY)

रेम का फुल फॉर्म रेंडम एक्सेस मेमोरी होता है यह भी एक प्रकार का स्टोरेज होता है लेकिन इसमें डाटा कुछ समय के लिए ही सेव रहता है।

उसके बाद जब कंप्यूटर में काम करना बंद कर देते हैं तो रैम अपने आप ही डाटा रिमूव कर देता है।

ROM (Read Only Memory)

रोम का फुल फॉर्म रीड ओनली मेमोरी होता है यह रैम से बिल्कुल अलग होता है Rom के बारे में बात किया जाए तो यह भी एक प्रकार का स्टोरेज होता है।

Rom में आप डाटा को स्टोर करके रख सकते हैं जैसे रैम में डाटा खुद डिलीट हो जाता है वैसे Rom में डाटा खुद डिलीट नहीं होता है।

रोम का एक उदाहरण सीडी और डीवीडी है जो कि एक प्रकार का Rom है।

Motherboard

मदर बोर्ड एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है जिसमें सभी को एक्सेस किया जाता है अर्थात मदरबोर्ड से ही सभी ड्राइवर को अटैच किया जाता है।

Monitor/LCD – (LIQUID CRYSTAL DISPLAY)

मॉनिटर के बारे में बात किया जाए तो मॉनिटर का काम कंप्यूटर के आउटपुट को अब तक पहुंचाना होता है अर्थात मॉनिटर से ही आपको आउटपुट मिलती है।

इसके अलावा आजकल वीडियो ऑडियो देखना है मैं भी काम आता है अर्थात आजकल मॉनिटर से बहुत सारे कार्य को किया जा सकता है।

Keyboard

कीबोर्ड कंप्यूटर के लिए बहुत जरूरी होता है कीबोर्ड से आप टाइपिंग कर सकते हैं और कीबोर्ड के बिना कंप्यूटर के बहुत कार्य नहीं कर सकते हैं अर्थात कंप्यूटर के बहुत सारे कार्य को कीबोर्ड के बिना आप नहीं कर सकते हैं

Mouse

कीबोर्ड की तरह है माउस भी एक प्रकार का डिवाइस है जिसके बिना भी आप कंप्यूटर के बहुत सारे कार्य को नहीं कर सकते हैं

कंप्यूटर का जनक कौन है?

कंप्यूटर का जनक के बारे में बात किया जाए तो कंप्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है तथा चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का पिता (फादर ऑफ कंप्यूटर) भी माना जाता है।

आपको बता दें कि चार्ल्स बैबेज ने 1832 ई0 में एनालॉग कंप्यूटर का आविष्कार किया था इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर “HYWARD AKIN” ने एक मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया था।

तो कंप्यूटर का जनक के बारे में बात किया जाए तो कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज को ही कहा जाता है लेकिन चार्ल्स बैबेज ने एनालॉग कंप्यूटर का आविष्कार किया था।

तथा मैकेनिकल कंप्यूटर का आविष्कार “HYWARD AKIN” ने किया था तो यह कहा जा सकता है कि मैकेनिकल कंप्यूटर का आविष्कारक “HYWARD AKIN” है।

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कंप्यूटर के भाग कितने होते हैं?

कंप्यूटर के भाग के बारे में बात किया जाए तो मुख्य रूप से कंप्यूटर के 2 भाग होते हैं पहला हार्डवेयर और दूसरा सॉफ्टवेयर।

हार्डवेयर के बारे में बात किया जाए तो हार्डवेयर कंप्यूटर कि वे सभी पार्ट्स होते हैं जो हम देख सकते हैं अथवा जिन्हें हम स्पर्श कर सकते हैं या छू सकते हैं।

हार्डवेयर में शामिल माउस, मदरबोर्ड, रैम,  हार्ड डिक्स, डीवीडी ड्राइवर,  मॉनिटर, इलेक्ट्रिक सर्किट, कुंजीपटल इत्यादि आते हैं जिसे हम देख और छू सकते हैं हार्डवेयर कहा जाता है।

सॉफ्टवेयर के बारे में बात किया जाए तो यह एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होता है जिसे प्रोसेस किया जाता है प्रोग्राम करने के लिए।

अर्थात कंप्यूटर को चलाने के लिए सॉफ्टवेयर का जरूरत पड़ता है बिना सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर को नहीं चलाया जा सकता है अर्थात इसको प्रोसेस करने के लिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को तैयार किया जाता है उसके बाद एक कंप्यूटर सिस्टम को ऑपरेट कर सकते हैं।

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कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है?

ऊपर हमने जाना कि कंप्यूटर को हिंदी में संगणक कहा जाता है तथा इसका कार्य यह होता है कि यह किसी भी कार्य को या किसी भी गणना को बहुत कम समय में कर देता है।

लेकिन आजकल बात किया जाए तो प्रत्येक कार्य को कंप्यूटर द्वारा किया जाता है अर्थात आजकल मार्केट में सुपर कंप्यूटर आ चुका है और सुपर कंप्यूटर कोई भी कार्य को क्षण भर में करने में सक्षम रहता है।

तो चलिए अब हम जानते हैं कि कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है या कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है।

COMPUTER (कंप्यूटर) ka full form:

C :- Commonly (सामान्य)

O :- Operated (संचालित)

M :- Machine (यंत्र)

P :- Particularly (विशेष रूप)

U :- Used for (प्रयुक्‍त)

T :- Technical and (तकनीकी)

E :- Educational (शैक्षिणिक)

R :- Research (अनुसंधान)

जरुर पढ़ें :-12 वीं के बाद कंप्यूटर कोर्स सूची

माउस का पूरा नाम क्या है?

माउस कंप्यूटर का एक पार्ट होता है माउस के बिना कंप्यूटर को चलाना बहुत ही कठिन होता है अर्थात ऐसा कहा जाए कि मैं उसके बिना कंप्यूटर को ऑपरेट करना लगभग असंभव है।

माउस कंप्यूटर का एक ऐसा डिवाइस है जिससे कंप्यूटर का 99% काम आसान कर देता है अर्थात माउस कंप्यूटर के किसी भी कार्य को बहुत ही तेजी से कर सकता है।

चलिए अब हम जानते हैं कि माउस का पूरा नाम क्या है या माउस का फुल फॉर्म क्या है।

Mouse (माउस) ka full form: 

M:- Manually 

O :- operated 

U :- user 

S :- selection 

E :- equipment

CONCLUSION :- computer ke bare mein jankari

आज के इस लेख के माध्यम से हमने जाना कि कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (computer ke bare mein jankari) क्या क्या है, जो कि आज के इस लेख (article) में अच्छे से बताया गया है।

इसके साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आप कंप्युटर के बारे में बहुत सारे जानकारी को हासिल कर लें ताकि आपको बेसिक के साथ साथ अड्वान्स कि भी knowledge हो जोकि काफी साधारण भाषा में है इसे समझने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने वाली है।

हमको उम्मीद है कि आज का यह लेख कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (computer ke bare mein jankari) आपको काफी अच्छा लगा होगा।

और इस लेख को पढ़कर Computer से संबंधित सभी प्रकार के सवालों का जवाब मिल गए होंगे यदि आपको कोई और जानकारी चाहिए तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

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