टीएलसी क्या होता है | TLC Kya Hota Hai

टीएलसी क्या होता है (TLC Kya Hota Hai) आज के इस लेख के माध्यम से हम यह जानने वाले हैं और साथ ही यह भी जानेंगे की टीएलसी टेस्ट क्यों आवश्यक है।

बहुत सारे लोग मेडिकल के क्षेत्र में काम करते हैं तथा बहुत सारे लोग पढ़ाई भी करते हैं जिनका हमेशा से कुछ ना कुछ मेडिकल से संबंधित सवाल रहता है।

आज हम उन्हीं सवालों के ऊपर बात करेंगे और आज हम टीएलसी से संबंधित सभी प्रकार के सवालों का जवाब जानेंगे जो बहुत सारे लोगों द्वारा पूछा भी गया है।

टीएलसी क्या होता है | TLC Kya Hota Hai
टीएलसी क्या होता है | TLC Kya Hota Hai

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टीएलसी क्या होता है (TLC Kya Hota Hai)

टीएलसी का पूरा नाम टोटल ल्यूकोसाइट काउंट है, यह एक प्रकार का ब्लड टेस्ट होता है, जिसके अंतर्गत सफेद रक्त कोशिकाओं (ल्यूकोसाइट्स) की संख्या का पता लगाया जाता है।

इस टेस्ट को डब्ल्यूबीसी काउंट (WBC Count) भी कहा जाता है जिसका अर्थ White Blood Cells अर्थात सफेद रक्त कोशिका कहा जाता है।

यदि किसी व्यक्ति का ब्लड टेस्ट में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या का पता लगाना होता है या ल्यूकोसाइट्स का पता लगाना होता है तो उसे टीएलसी टेस्ट करना होता है।

सफेद रक्त कोशिका (WBC) या ल्यूकोसाइट्स की बात करें तो यह पांच भागों से मिलकर बना होता है, जो न्यूट्रोफिल,  मोनोसाइट्स, लिम्फोसाइट्स, बासोफिल्स, इओसिनोफिल्स है।

सफेद रक्त कोशिका की बात करें तो यह हमारे शरीर में तरह-तरह के बैक्टीरिया, वायरस या रोगाणु से लड़ते हैं तथा हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में हमारी बहुत मदद करते हैं।

सफेद रक्त कोशिका हमारे शरीर में किसी प्रकार के इनफेक्शंस या सूजन को ठीक करने में हमारी मदद करते हैं अर्थात हम यह कह सकते हैं कि यह हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक का काम करते हैं।

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टीएलसी बढ़ने से कौन सी बीमारी हो सकती है?

किसी व्यक्ति के टीएलसी जांच में यदि टीएलसी ज्यादा निकलता है तो उसे व्यक्ति के शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण होता है।

टीएलसी ज्यादा होने से कई प्रकार के बीमारियां हो सकती है इससे कैंसर भी होने की संभावना होती है लेकिन यदि समय रहते टीएलसी का इलाज किया जाए तो कई प्रकार के बीमारियों से बच सकते हैं।

यदि शरीर में संक्रमण ज्यादा है तो ऑटोमेटिक टीएलसी ज्यादा हो जाएगी और संक्रमण से होने वाली सभी बीमारियां आपके शरीर में होने की संभावना को बढ़ा देती है।

टीएलसी बढ़ने से जिन बीमारियों शरीर में होती है उनके बारे में हम जान चुके हैं अब हम जानते हैं की टीएलसी घर जाने से शरीर में कौन-कौन सी बीमारियां होती है।

आपको बताना कि यदि शरीर में टीएलसी कम हो जाती है तो आमतौर पर डेंगू, टाइफाइड, वायरल फीवर इत्यादि बीमारियां हो सकती है।

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शरीर में टीएलसी कितनी होनी चाहिए?

एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में टीएलसी की संख्या सामान्य होना बहुत जरूरी है क्योंकि टीएलसी की संख्या कम या ज्यादा होने पर उसे व्यक्ति के शरीर पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है।

टीएलसी की संख्या सामान्य रहने पर व्यक्ति की स्वच्छता की पता लगाया जा सकता है लेकिन यदि व्यक्ति की टीएलसी की संख्या कम या ज्यादा है तो व्यक्ति स्वस्थ नहीं हो सकता है।

चलिए हम जानते हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में टीएलसी की संख्या कितनी होनी चाहिए जो की निम्नलिखित है।

उम्र TLC की संख्या 
नवजात9,000 से 30,000/मिमी
2 साल से कम उम्र के बच्चे6,200 से 17,000/mm3
2 साल से अधिक उम्र के बच्चे और वयस्क5,000 से 10,000/mm3
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टीएलसी बढ़ने पर क्या नहीं खाना चाहिए?

यदि किसी मनुष्य के शरीर में टीएलसी बढ़ जाते हैं तो उन्हें रिफाइंड तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बचना चाहिए।

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट बढ़ जाने से टीएलसी पेशेंट को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है हमेशा टीएलसी पेशेंट को डाइट प्लान के साथ रहना चाहिए।

टीएलसी पेशेंट आहार में घुलनशील फाइबर हर दिन 10 ग्राम से लेकर 25 ग्राम तक प्रयोग कर सकते हैं फाइबर पानी में घुलनशील हो सकते हैं जो आंतों में एक जेल जैसा पदार्थ बनाते हैं जो वास के अवशोषण को अवरोध करने में मदद करती है।

यदि कोई टीएलसी पेशेंट है तो उन्हें हमेशा डायट प्लान के साथ रहना ही उनके शरीर के लिए बेहतर होता है क्योंकि डाइट ही एक ऐसा जरिया है जिससे वह अपने शरीर को जल्दी से जल्दी स्वस्थ कर सकता है।

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ब्लड टेस्ट में टीएलसी का क्या अर्थ है?

मनुष्य के ब्लड टेस्ट में टीएलसी का अर्थ श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या का पता लगाना होता है जिसे ल्यूकोसाइट्स भी कहा जाता है।

टीएलसी का फुल फॉर्म टोटल ल्यूकोसाइट काउंट है टीएलसी WBC गिनती का रक्त परीक्षण होता है अर्थात टीएलसी में श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या का मूल्यांकन किया जाता है।

मनुष्य के शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या का मूल्यांकन ही टीएलसी टेस्ट कहलाता है अर्थात ब्लड में टीएलसी टेस्ट का अर्थ है कि श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या कितनी है।

श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या का पता लगाने को टीएलसी के अलावा ल्यूकोसाइट्स भी कहा जाता है ल्यूकोसाइट्स हमारे रक्षा तंत्र के आवश्यक भाग होते हैं क्योंकि यह संक्रमण से लड़ते हैं।

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टीएलसी बढ़ने का क्या कारण है?

टीएलसी बढ़ने के कारण का बात करें तो यह आम तौर पर शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण या सूजन के कारण से होता है।

यदि किसी के शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण या सूजन है तो उसके शरीर में टीएलसी की संख्या बढ़ जाती है अर्थात व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ जाती है।

इसके अलावा भी काफी लोगों के शरीर में ऐसा देखा गया है कि यदि किसी प्रकार का अत्यधिक शारीरिक या भावनात्मक तनाव है तो भी उसके शरीर में टीएलसी की संख्या बढ़ सकती है।

यदि किसी के शरीर में बुखार चोट या सर्जरी जैसे कार्य हुए हो या बुखार या सर्जरी हुआ हो तो ऐसी स्थिति में उसे व्यक्ति के शरीर में टीएलसी की संख्या बढ़ जाती है जिसे आमतौर पर ल्यूकोसाइट्स भी कहा जाता है।

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शरीर में सफेद खून कैसे बनता है?

किसी के भी शरीर में सफेद खून बोन मैरो से बनता है तथा एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में करीब 4500 से लेकर 11000 तक व्हाइट ब्लड सेल्स या सफेद खून होती है।

सफेद खून किसी भी व्यक्ति के शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है क्योंकि सफेद खून नहीं व्यक्ति की स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करती है।

लेकिन व्हाइट ब्लड सेल से या सफेद खून तब तक ही मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक है जब तक वह लिमिट में रहे जल्दी वह लिमिट से ज्यादा हो जाती है तो वही मनुष्य के शरीर के लिए जानलेवा हो सकती है।

यदि व्हाइट ब्लड सेल्स लिमिट से कम होती है तो भी वह किसी व्यक्ति के शरीर के लिए जानलेवा हो सकती है या किसी व्यक्ति के शरीर पर हावी हो सकती है।

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FINAL WORDS:– टीएलसी क्या होता है | TLC Kya Hota Hai

दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से हमने जाना कि टीएलसी क्या होता है (TLC Kya Hota Hai) तो आप लोग कमेंट में जरूर बताएं कि यह लेख आप लोगों को कैसा लगा।

यदि यह लेख आप लोगों के लिए फायदेमंद रहा तो आप लोग इस लेख को शेयर करें ताकि और भी लोग इसके बारे में जानकारी हासिल कर सके क्योंकि इसमें TLC से संबंधित कई सारे सवालों के जवाब दिए गए हैं।

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